Friday, 13 November 2015

CLASS 8th ASSIGNMENT !!!!!!!

 STUDENT SHOULD COMPLETE THIS WORKSHEET !!
आम लक्ष्मीपतियों के भोजन की शोभा तथा गरीबों की उदरपूर्ति का अति उत्तम साधन है। पके फल को तरह तरह से सुरक्षित करके भी रखते हैं। रस का थाली, चकले, कपड़े इत्यादि पर पसार, धूप में सुखा "अमावट" बनाकर रख लेते हैं। यह बड़ी स्वादिष्ट होती है और इसे लोग बड़े प्रेम से खाते हैं। कहीं कहीं फल के रस को अंडे की सफेदी के साथ मिलाकर अतिसार और आँवे के रोग में देते हैं। पेट के कुछ रोगों में छिलका तथा बीज हितकर होता है। कच्चे फल को भूनकर पना बनाकर, नमक, जीरा, हींग, पोदीना इत्यादि मिलाकर पीते हैं, जिससे तरावट आती है और लू लगने का भय कम रहता है। आम के बीज में मैलिक अम्ल अधिक होता है और यह खूनी बवासीर और प्रदर में उपयोगी है।
आम की लकड़ी गृहनिर्माण तथा घरेलू सामग्री बनाने के काम आती है। यह ईधन के रूप में भी अधिक बरती जाती है। आम की उपज के लिए कुछ कुछ बालूवाली भूमि, जिसमें आवश्यक खाद हो और पानी का निकास ठीक हो, उत्तम होती है। आम की उत्तम जातियों के नए पौधे प्राय: भेंटकलम द्वारा तैयार किए जाते हैं। आम की विशेष उत्तम जातियों में वाराणसी का लँगड़ा, बंबई का अलफांजो तथा मलीहाबाद और लखनऊ के दशहरी तथा सफेदा उल्लेखनीय हैं।
१) आम का धनवानों व गरिबो व्दारा उपयोग में क्या अंतर है?
२) आम के पके फल को किस तरह से सुरक्षित कर के रखा जाता है?
३) आम के स्वास्थ वर्धक उपयोग बताइए।
४) आम की लकड़ी के क्या उपयोग हैं?
५) आम की उपज के लिए किस प्रकार की भूमि चाहिए? 
६) आमों की विशेष उल्लेखनीय जातियाँ कौन सी हैं?

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