For viii std”
पाठ 13
जहाँ पहिया है
Note : * Draw the picture -1
page (1)
* write “ लेखक परिचय “ -page2
* write “ शब्दार्थ “ - page3
* write “कठिन शब्द – 30 “ – page 4
* write “सारंश” – page 5
* write “प्रश्नोत्तर “ page 6
* write “ भाषा की बात “ page 7
Page:5
सारांश :
“ जहाँ
पहिया है “ पात में एक लेखक पी. साईनाथ ने तमिल नाडु के पुडुकोट्टई गाँव की
स्त्रियॉं द्वारा संचालित “ साइकिल आंदोलन “ वर्णन किया है | यह पाठ इस आंदोलन को अपना समर्थन देने के लिए ही लिखा गया है | वहाँ की महिलाओं द्वारा अपने अधिकारों और स्वतन्त्रता के लिए साइकिल
आंदोलन का आरंभ करना एक बड़ी घटना थी | वहाँ के कुछ औरतों ने
पुडुकोट्टई की बाकी औरतों को जागृत करने का प्रयास किया | यह
बहुत उत्तम प्रयास था जो सफल भी रहा | बेशक साइकिल चलाना कोई
बड़ी बात नहीं है पर एक रूढ़िवादी पृष्ठभूमिवाले गाँव के लिए तो यह एक बहुत बड़ा
प्रश्न था | उनके विरुद्ध खड़े होकर “ साइकिल “ को अपनी
प्रगति चुनना यह सिद्ध करता है कि स्त्री शक्ति चाहे तो कुछ भी करने में समर्थ है | लेखक का यही प्रयास है कि भारत के अन्य क्षेत्रों कि स्त्रियों भी
इससे प्रेरणा लेकर अपने अधिकारों के लिए लड़े |
Page : 6
जंजीरें :
प्र1.
उ. 1. पुडुकोट्टई की महिलाओं रूढ़िवादिता, पिछड़ेपन व बंधोनों से परिपूर्ण जीवन
बीटा रही थीं |इन्हीं बंधोनों को
लेखक ने जंजीरेंमाना है |
प्र 2.
उ. इस वाक्य से हम पूर्णतया सहमत है | पुडुकोट्टई की महिलाओं रूढ़िवादिता पुरुष प्रधान समाज की जंजीरों में जकड़ी
थीं | लेकिन साइकिल चलाने से उनकी जीवन ही बदल गया |
इससे वे आत्मसम्मान , आत्मनिर्भर
हो गई | साइकिल चलानाउनकी “आज़ादी का प्रतीक “ बन गया |
पहिया :
प्र 1.
उ. * वे रूढ़िवादिता, पिछड़ेपन व
बंधनों से परिपूर्ण जीवन से बाहर निकल सकीं |
*
स्त्रियॉं में आत्मसम्मान की भावना जागृत हुई |
* इससे
उन्हे आत्मनिर्भर बनने का मौका मिला |
* साइकिल
से घरेलू कार्यों को भी सुचारू रूप से करने लगे |
प्र 2.
उ.क्योंकि उसकी दुकान पर लेडीज साइक्ले की बिक्री में
350% की वृद्धि हुई थी | यहाँ तक कि जिनको लेडिज़ साइकिल नहीं मिल पाई थीं उन्होने
जैंट्स साइकिल ही खरीद लीं |
प्र 3.
उ. * लोग उन महिलाओं पर गालियाँ देने लगे | लेकिन महिलाएँ बिना किसी की परवाह किए निरंतर आगे की ओर अग्रसर ही होती
रहीं |
शीर्षक की बात :
प्र 1
उ. यह शीर्षक रखना पूर्णतया उचित है क्योंकि पहिए
गतिशीलता का प्रतीक है |
पुडुकोट्टई
की महिलाओं ने साइकिल आंदोलन चलाया तो उनका जीवन भी गतिशील गो गया | इससे उनमें आत्मसम्मान की भावना भी बढ़ गई |
प्र 2.
उ. इस पाठ
का अन्य शीर्षक है – “ आज़ादी का दिन “ क्योंकि साइकिल चलाना सीखने से उन
पुडुकोट्टई की महिलाओं को रूढ़िवादिता व
पुरुषों द्वारा थोपे गए रोज़मर्रा के
घीसे-पिटे दायरे से आज़ादी मिली |
भाषा की बात ;
प्र 1
उ. उपसर्ग
शब्द
|
उपसर्ग
|
मूलशब्द
|
अभिव्यक्त
|
अभि
|
व्यक्त
|
अनुभव
|
अनु
|
भाव
|
प्रशिक्षण
|
प्र
|
शिक्षण
|
प्रदर्शन
|
प्र
|
दर्शन
|
परिवहन
|
परि
|
वहन
|
विनम्र
|
वि
|
नम्र
|
बेशक
|
बे
|
शक
|
प्र2
.उ. प्रत्यय
शब्द
|
मूलशब्द
|
प्रत्यय
|
समझना
|
समझ
|
ना
|
गतिशीलता
|
गतिशील
|
ता
|
सामाजिक
|
समाज
|
इक
|
No comments:
Post a Comment