for 8th
सुदामा
चरित प्रश्नोत्तर
प्र 1.
उ.सुदामा की दीनदशा देखकर श्री कृष्ण बहुत दुखी हुए| वे इतने रोए कि अपने आंसुसे ही सुदामा के पैर धोए |
प्र2.
उ. सुदामा की दीनदशा देखकर श्री कृष्ण बहुत दुखी हुए| वे इतने रोए कि अपने आंसुसे ही सुदामा के पैर धोए |
कृष्ण के मैत्री भाव को देखकर सब चकित थे |
प्र3.
उ.
(क)
उपर्युक्त पंक्ति श्रीक़ृष्ण सुदामा से कह रहे हैं |
(ख) श्री
कृष्ण को सुदामा अपनी पत्नी द्वारा भेजी गई चावलों की पोटली नहीं दियों तो
श्री कृष्ण ने कहा कि तुम चोरी करने में कुशल हो |
(ग) बचपन
में लकड़ी बिटोरने के लिए कृष्ण, सुदामा जंगल गए थे | अचानक बारिश श्रु हुई तो दोनों अलग-अलग पेड़ों पर चढ़ गए भूख लाग्ने पर
सुदामा गुरुमाता द्वारा दोनों के लिए भेजे गए चने को अकेले ही खाया था |
प्र4.
उ. * कृष्ण ने तो बड़ा स्वागत-सत्कार किया पर खाली हाथ
ही भेज दिया |
* कृष्ण
राजा तो बने पर उनकी पुरानी आदतों में कोई बदलाव नहीं आया |
* सुदामा
कृष्ण के व्यवहार से खीझ रहा था क्योंकि कृष्ण ने उसकी सहायता नहीं की
थी |
* सुदामा
की पत्नी ने बड़ी आशा के साथ कृष्ण के पास भेजा था | इसलिए वह
दुविधा
में
पड़ गया था |
प्र.5.
उ.अपने गाँव लौटकर जब सुदामा अपनी झोपड़ी नहीं खोज पाए
तब उनके मन में यह विचार आया किकहीं वे रास्ता भूलकर पुनः द्वारका तो नहीं पहुँचे |
प्र.6.
उ. * जहाँ टूटी-सी झोपड़ी थी, वहाँ आज बड़ा सा महल है |
* पहले
जिसके पास जूते तक नहीं थे , आज उसके आँगन में महावत के साथ
गजराज
पड़ता था , आज उसे कोमल सेज
(शय्या) पर भी नींद नहीं आती |
* पहले जिसे मोटा भान तक नहीं मिलता था , आज उसे अंगूर भी नहीं लगता |
भाषा की बात :
प्र.1
उ. –“ के
वह टूटी-सी छानी हती, कहं कंचन के अब धाम सुहावत |
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