Tuesday, 29 December 2015

for 10th std WORK SHEET -2



 कक्षा : 10                 केन्द्रीय विद्यालय अशोक नगर – 83            विषय:हिन्दी


प्रपत्र - 2

11 निम्नलिखित में से किसी एक काव्यांश के प्रश्नों के उत्तर लिखिए _  (2+2+1)


 यश है या न वैभव है , मान है न सरमाया ;


 जितना ही दौड़ा तू उतना ही भरमाया |


 प्रभुता का शरण-बिंब केवल मृगतृष्णा है ,


 हर चंद्रिका में छिपी एक रात कृष्णा है |


 जो है यथार्थ कटीं उसका तू कर पूजन _


 छाया मत छूना

मन , होगा दुख दूना |

  (क) कवि के अनुसार यश, वैभव, मान और धन व्यर्थ क्यों हैं ?

  (ख) “मृगतृष्णा” का प्रयोग काव्यांश में किस अर्थ में हुआ है ?

  (ग) “हर चंद्रिका में छिपी एक रात कृष्णा है | “ – भाव स्पष्ट कीजिए |

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