पाठ - 18 संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया: धनराज (साक्षात्कार) हिंदी
प्रश्न अभ्यास1. साक्षात्कार पढ़कर आपके मन में धनराज पिल्लै की कैसी छवि उभरती है वर्णन कीजिए।
उत्तर
साक्षात्कार के अनुसार धनराज पिल्लै खुले दिल के, सीधे-सरल और भावुक व्यक्ति हैं। वे बड़े ही कठिन आर्थिक संघर्षों से गुजरे जिससे वह अपने आप-को असुरक्षित समझने लगे थे। उन्हें गुस्सा बहुत अधिक आता है परन्तु वह अपने घर-परिवार की बहुत इज्जत करते हैं। उन्हें अपनी प्रसिद्धि पर जरा भी अभिमान नहीं है। लोगों को लगता है कि उनके स्वभाव में तुनक-मिजाजी आ गई परन्तु आज भी वे सरल व्यक्ति हीं हैं।
2. धनराज पिल्लै ने ज़मीन से उठकर आसमान का सितारा बनने तक की यात्रा तय की है। लगभग सौ शब्दों में इस सफ़र का वर्णन कीजिए।
उत्तर
धनराज पिल्लै की ज़मीन से उठकर आसमान का सितारा बनने तक की यात्रा बहुत ही संघर्षपूर्ण है। उनका एक बहुत गरीब परिवार में जन्म हुआ। इनसे बड़े दो भाई हॉकी खेलते थे जिसे देख इन्हें भी खेलने का शौक हुआ परन्तु स्टिक खरीदने के पैसे नही थे। ये अपने साथियों से स्टिक उधार मांग कर खेलते थे। इन्हें अपनी पहली हॉकी स्टिक तब मिली जब इनके बड़े भाई का चयन भारतीय कैंप के लिए हुआ। तब इनके बड़े भाई ने अपनी पुरानी स्टिक इन्हे दे दी। मात्र 16 की उम्र में इन्होनें जूनियर राष्ट्रीय हॉकी सन् 1985 में मणिपुर में खेली। 1986 इन्हें सीनियर टीम में डाल दिया गया। 1989 में ऑलविन एशिया कैंप में चुने जाने के बाद ये सफलता के सीढियाँ लगातार चढ़ते रहे। 1999 में महराष्ट्र सरकार ने इन्हें पवई में एक फ्लैट दिया और 2000 में इन्होनें अपनी फोर्ड आइकॉन खरीदी।
3. 'मेरी माँ ने मुझे अपनी प्रसिद्धि को विनम्रता से सँभालने की सीख दी है' -
धनराज पिल्लै की इस बात का क्या अर्थ है?
उत्तर
धनराज पिल्लै की इस बात का अर्थ है कि कई लोग प्रसिद्ध होने के बाद घमंडी हो जाते हैं परन्तु उनकी माँ द्वारा दिए संस्कारों के कारण आज वह प्रसिद्धि प्राप्त करने के बाद भी विन्रम स्वभाव के हैं। इंसान चाहे जितना ऊँचा उठ जाएँ परन्तु उसमें घमंड की भावना नहीं होनी चाहिए।
साक्षात्कार से आगे
1. ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता है। क्यों? पता लगाइए।
उत्तर
ध्यानचंद हॉकी के सबसे बेहतरीन खिलाड़ी थे। उनके स्टिक से बॉल सटती तो गोल होकर ही वापस आती। वह हॉकी को एक करिश्माई अंदाज़ में खेलते। वह तीन बार ओलम्पिक के स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे हैं। इसलिए ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता है।
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2.किन विशेषताओं के कारण हॉकी को भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है?
उत्तर
सन् 1928 से लेकर 1956 तक भारत ने हर ओलम्पिक में हॉकी में स्वर्ण पदक हासिल किया। इस खेल ने गुलाम भारत को विश्व में एक पहचान दिलाई इसलिए हॉकी को भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है।
अनुमान और कल्पना
1. 'यह कोई जरुरी नहीं कि शोहरत पैसा भी साथ लेकर आए' - क्या आप धनराज पिल्लै की इस बात से सहमत हैं? अपने अनुभव और बड़ों की बातचीत के आधार पर लिखिए।
उत्तर
हम धनराज पिल्लै की इस बात से सहमत हैं क्योंकि हमारे समाज में बहुत से
संगीतकार, कलाकार, साहित्यकार, रंगकर्मियों, खिलाड़ी आदि हैं जिन्हें शोहरत
तो मिली परन्तु उनके काम का उचित मेहनताना नहीं मिला। पैसा और शोहरत दोनों
अलग चीज़ें हैं। पैसा तो गलत कामों से भी कमाया जा सकता है परन्तु शोहरत
केवल अपने काम के प्रति प्यार से प्राप्त होता है।
भाषा की बात
1. नीचे कुछ शब्द लिखे हैं जिनमें अलग-अलग प्रत्ययों के कारण बारीक अंतर है। इस अंतर को समझाने के लिए इन शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए -
1. प्रेरणा, प्रेरक, प्रेरित
2. संभव, संभावित, संभवत:
3. उत्साह, उत्साहित, उत्साहवर्धक
उत्तर
1. प्रेरणा - महात्मा गांधी के आदर्शों से हम सबको प्रेरणा लेनी चाहिए।
प्रेरक - महापुरुषों की कथाएँ प्रेरक होती हैं।
प्रेरित - बहादुरी की कहानियाँ मुझे बहादुर बनने के लिए प्रेरित करती हैं।
2. संभव - यह काम मेरे लिए संभव है।
संभावित - परीक्षा की अभी संभावित तिथि ही जारी हुई है।
संभवत: - संभवत: आज बारिश होगी।
3. उत्साह - आज का दिन उत्साह भरा रहा।
उत्साहित - आज छात्र बड़े उत्साहित हैं।
उत्साहवर्धक - यह किताब छात्रों कर लिए उत्साहवर्धक है।
2. तुनुकमिज़ाज शब्द तुनुक और मिज़ाज दो शब्दों के मिलने से बना है। क्षणिक, तनिक और तुनुक एक ही शब्द के भिन्न रूप हैं। इस प्रकार का रूपांतर दूसरे शब्दों में भी होता है, जैसे - बादल, बादर, बदरा, बदरिया; मयूर, मयूरा, मोर; दर्पण, दर्पन, दरपन। शब्दकोश की सहायता लेकर एक ही शब्द के दो या दो से अधिक रूपों को खोजिए। कम-से-कम चार शब्द और उनके अन्य रूप लिखिए।
उत्तर
वर्षा - बारिश, बरखा, बरसात
चन्द्रमा - चंदा, चाँद, चन्द्र
नया - नया, नवीन, नूतन
पैर - पग, पद, पाँव
जैसे - फुटबॉल के खेल से संबंधित शब्द हैं - गोल, बैकिंग, पासिंग, बूट इत्यादि।
उत्तर
क्रिकेट - गेंद, बल्ला, विकेट, रन, पिच, आदि।
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