कक्षा :10 केन्द्रीय
विद्यालय अशोक नगर – 83
विषय:हिन्दी
प्रपत्र
– 3
9.निम्नलिखित
गदयांश के प्रश्नों के उत्तर दीजिए :- (2 + 2 + 1 )
आज पीछे मुड़कर देखती हूँ तो इतना
तो समझ में आता ही है , क्या तो उस समय मेरी उम्र थी और
क्या
मेरा भाषण रहा होगा ! यह तो डाक्टर साहब का स्नेह था जो उनके
मुँह से प्रशंसा बनकर बह रहा
था या यह भी हो सकता है कि आज से पचास साल पहले अज़मेर
जैसे शहर में चारों ओर से उमड़ती
भीड़ के बीच एक लड़की का बिना किसी संकोच और झिझक के
यों धुआंधर बोलते चले जाना ही इसके
मूल में रहा होगा | पर पिता
जी ! कितनी तरह के अंतर्विरोधों के बीच जीते थे वे ! एक और
“विशिष्ट”
बनने और बनाने की प्रबल लालसा तो दूसरी ओर अपनी सामाजिक छवि के प्रति भी उतनी
ही सजगता
| पर क्या यह संभव है ? क्या पिता जी को इस बात का बिलकुल
भी अहसास नहीं था
कि इन दोनों का तो रास्ता ही टकराहट का है ?
(क) लेखिका के पिताजी किन अंतर्विरोधों के बीच जीते
थे ?
(ख) लेखिका के अनुसार कौन-से दो रास्ते टकराहट भरे
हैं ?
(ग) सामाजिक छवि के प्रति सजगता का क्या अर्थ है ?
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