अनुच्छेद
– 3
परिश्रम का महत्व
इस संसार
में सभी प्राणियाँ अपने-अपने कर्म करते रहेते हैं | यहाँ तक की प्रकृति
के सभी पदार्थ भी नियमपूर्वक अपना कार्य करते हैं | सूर्य प्रतिदिन
समय पर निकलता है| नदियाँ भी दिन-रात यात्रा करती रहती हैं | वे कभी अपने नियम का उल्लंघन नहीं करते है|वास्तव में परिश्रम करते रहते हैं | परिश्रम और प्रयास की बड़ी महिमा है | आज संसार में जो
कुछ भी दिखाई दे रहा है, वह परिश्रम का ही परिणाम है | जो व्यक्ति आलस का जीवन बिताते हैं, वे कभी उन्नति नहीं
कर सकते | आज हमारे देश अनेक समस्याएँ हैं| उन सबके समाधान का साधन परिश्रम है | परिश्रम के बल
पर निर्धन धनवान बन सकता है, मूर्क विद्वान बन सकता है | परिश्रम द्वारा मनुष्य प्रत्युएक क्षेत्र में प्रगति कर सकता है | परिश्रमी व्यक्ति स्वावलंबी, ईमानदार, सत्यवादी, चरित्रवान और सेवा भाव से युक्त होता है | परिश्रम करने वाले व्यक्ति का स्वस्थ्य भी ठीक रहता है | परिश्रम व्यक्ति एवं देश की उन्नति का रहस्य है |
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