प्र. कुसंगति से बचकर रहने केलिए सलाह देते हुए अपने भाई
के नाम पर पत्र लिखिए |
16, नटेसन सलाई
अशोक नगर
चेन्नई -78।
24 नवम्बर 2016
प्रिय अनुज ,
सप्रेम |
आज ही
मुझे पिताजी से पत्र मिला | पढ़कर मुझे चिंता होने लगी कि तुम पढ़ाई
में बिलकुल भी ध्यान न देकर अपने मित्रों के साथ सारा दिन घूमते रहते हो | मेरा भाई ऐसे कैसे हो सकता ? यदि तुम कुसंगति में पड़
गए तो जीवन बर्बाद हो जाएगा | माताजी का यह सपना कि तुम बड़े होकर
कलेक्टर बनोगे | यह जीवन में सदा याद रखना कि बीता समय कभी लौटकर
नहीं आता | शिष्ट व अनुशासित व्यवहार करने से ही हमारा अच्छा
चरित्र निर्माण होता है | आशा करता हूँ कि तुम मेरा कहे अनुसार
चलने का प्रयत्न करोगे |
तुम्हारा अग्रज
संतोष |
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