Sunday, 20 December 2015

for VI std पाठ – 13 मैं सबसे छोटी होऊँ



for vi std        पाठ – 13 मैं सबसे छोटी होऊँ 
 
NOTE: * draw the picture from text book. Page 1
       * write the poempage -2
       * write सारांश page- 3  
       * write the “शब्दार्थ” page - 4                         
       * write the question answers. Page - 5   
       * write “भाषा की बात “. Page – 6

सारांश :            page- 3

     “ मैं सबसे छोटी होऊँ “ कविता में एक चोटी बच्ची अपनी माँ से शिकायत कर रही है|
उस बच्ची को लगता है कि उसकी माँ अब उसको उतना समय नहीं दे पा रही है जितना पहेले दिया करती है थी | बचपन में उसकी माँ उसे विभिन्न तरह की कहानियाँ सुनाया करती थी | परंतु अब माँ पहेले की भांति ऐसा कुछ नहीं करती है | बच्ची अब भी माँ का प्यार दुलार वैसा ही चाहती है जैसा पहेला हुआ करता था | पंतजी ने अपनी इस कविता में बच्ची की मन की पीड़ा बड़े सरल ढंग से व्यक्त की है | इसके कवि सुमित्रा नन्दन पंत है |

Page – 4
शब्दार्थ :

छलती है – धोखा देती है
फिरती   – घूमती
गात     - शरीर
थमा     - देकर
स्नेह     - प्यार
खाऊँ     - समाप्त करूँ
निर्भय    - निडर
चंद्रोदय   - चंद का निकलना
सुखद    - सुख देने वाली   




     

Page 5
प्र1.
उ . सबसे छोटे को माँ का ध्यान  और  प्यार अधिक मिलता है | इसलिए कविता में सबसे छोटे होने की कल्पना की गई है |
प्र2.
उ. बड़ा बनकर वह अपनी माँ के प्यार को नहीं खोना चाहती | इसलिए कविता में “ एसी बड़ी न होऊँ मैं” की कामना की गई है |
         मैं भी छोटे बने रहना पसंद करता हूँ लेकिन हमें ऐसा रहना संभव नहीं है |
प्र 3. 
उ. जब व्यक्ति बड़ा हो जाता है तो माँ उसे हाथ पकड़कर अपने साथ दिन-रात नहीं घुमाती
फिरती | वह माँ का निरंतर  साथ चाहती है |
प्र.4
उ. * माँ की गोदी में सोना |
   * उसका आँचल पकड़कर चलना |
   * माँ के हाथों से ही खाना |
   * माँ के हाथों से नहाना-सजाना
   * परियों की कहानियाँ सुनना |
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