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पाठ – 13 मैं सबसे छोटी होऊँ
NOTE: * draw the picture from text book. Page 1
* write the poem – page -2
* write सारांश page- 3
* write the “शब्दार्थ” page - 4
*
write the question answers. Page - 5
*
write “भाषा की बात “. Page – 6
सारांश :
page- 3
“ मैं
सबसे छोटी होऊँ “ कविता में एक चोटी बच्ची अपनी माँ से शिकायत कर रही है|
उस बच्ची को लगता है कि उसकी माँ अब उसको उतना समय
नहीं दे पा रही है जितना पहेले दिया करती है थी | बचपन में उसकी माँ उसे विभिन्न तरह की कहानियाँ सुनाया करती थी | परंतु अब माँ पहेले की भांति ऐसा कुछ नहीं करती है | बच्ची अब भी माँ का प्यार दुलार वैसा ही चाहती है जैसा पहेला हुआ करता था
| पंतजी ने अपनी इस कविता में बच्ची की मन की पीड़ा बड़े सरल
ढंग से व्यक्त की है | इसके कवि सुमित्रा नन्दन पंत है |
Page – 4
शब्दार्थ :
छलती है – धोखा देती है
फिरती –
घूमती
गात - शरीर
थमा -
देकर
स्नेह -
प्यार
खाऊँ -
समाप्त करूँ
निर्भय - निडर
चंद्रोदय - चंद
का निकलना
सुखद - सुख
देने वाली
Page 5
प्र1.
उ . सबसे छोटे को माँ का ध्यान और प्यार
अधिक मिलता है | इसलिए कविता में सबसे छोटे होने की कल्पना
की गई है |
प्र2.
उ. बड़ा बनकर वह अपनी माँ के प्यार को नहीं खोना चाहती
| इसलिए कविता में “ एसी बड़ी न होऊँ मैं” की कामना की गई है |
मैं भी
छोटे बने रहना पसंद करता हूँ लेकिन हमें ऐसा रहना संभव नहीं है |
प्र 3.
उ. जब व्यक्ति बड़ा हो जाता है तो माँ उसे हाथ पकड़कर अपने
साथ दिन-रात नहीं घुमाती
फिरती | वह माँ का निरंतर साथ चाहती है |
प्र.4
उ. * माँ की गोदी में सोना |
* उसका आँचल
पकड़कर चलना |
* माँ के हाथों
से ही खाना |
* माँ के हाथों
से नहाना-सजाना
* परियों की
कहानियाँ सुनना |
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