Sunday, 20 December 2015

for vii std भोर और बरखा



for vii std        भोर  और  बरखा  
NOTE: * draw the picture from text book. Page 1
       * write the poempage -2
       * write सारांश page- 3  
       * write the “शब्दार्थ” page - 4                         
       * write the question answers. Page - 5   
       * write “भाषा की बात “. Page – 6

Page 3
सारांश :
      “भोर “  का अर्थ  सुबह का समय होता है और “ बरखा “ का अर्थ वर्षा होता है|
 मीरा कृष्ण को अपना आराध्य देव मानती है | इन दोनों पदों में वह कृष्ण को आधार मानकर प्रार्थना करती है | प्रथम पद में भोर के  समय यशोदा माँ के द्वारा श्री कृष्ण को जगाने का प्रयास किया जा रहा है | सारे गोकुलवासी जाग गए है परंतु कृष्ण अभी तक सो रहे हैं वह उन्हें विभिन्न प्रकार से जगाने का प्रयास करती है | वह बहुत से उदारण देती है | द्वितीय पद में मीरा सावन के महीने में प्रसन्न है | क्योंकि इस ऋतु में उन्हे कृष्ण के आने का समाचार प्राप्त हुआ है |


 “शब्दार्थ” :                                 page - 4
किंवारे    -  किवाड़
रजनी     -   रात
भोर      -  प्रात:
सुर       - देवता
नर      -  मनुष्य
कंगना    -  चूड़ियाँ
कुलाहल   -  शोर
सबद     -  शब्द
गउवन    -  गौओं की
कविता से               Page – 5
प्र1.
उ. यहाँ यशोदा कृष्ण को जगाने का प्रयास करती है और कहती है – रात बीत गई है | हर घर के दरवाजे पर देव और मानव खड़े हैं | सभी ग्वाल-बाल जया-जयकार कर रहे हैं | माखन और रोटी हाथ में लेकर खड़े हैं | गोपियों के हाथ के कंगन बज रहे हैं | तुम जल्दी उठ जाओ |

प्र2.
उ. आशय : गायों के रखवाले सभी ग्वाल-बाल हाथ में माखन और रोटी लिए हुए हैं
|

प्र3.
उ. ब्रज में भोर होते ही घर-घर के दरवाजे खुल जाते हैं, गोपियाँ दही मथने की क्रिया में मग्न है  | उनकी चूड़ियों की मधुर झंकार वातावरण गूँजने लगती है | सभी ग्वाल –बाल गौओं को चराने के लिए जा रहे हैं |
प्र4.
उ.  क्योंकि सावन की आते ही उसे श्री कृष्ण आने की खबर मिलती है |
नन्ही -नन्ही बूंदों के बरसने से उन्हें शीतलता महसूस होती है |
प्र5.
उ.*सावन में बिजली चमकती है , बादल गरजते हैं , मनुष्य पशु –पक्षी सभी प्रसन्न होते हैं |
  * नन्ही -नन्ही बूंदों के बरसने से हमें शीतलता महसूस होती है |
  * गर्मी कम हो जाती है
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