for vii std भोर और बरखा
NOTE: * draw the picture from text book. Page 1
* write the poem – page -2
* write सारांश page- 3
* write the “शब्दार्थ” page - 4
*
write the question answers. Page - 5
*
write “भाषा की बात “. Page – 6
Page 3
सारांश :
“भोर “ का अर्थ सुबह का समय होता है और “ बरखा “ का अर्थ वर्षा होता
है|
मीरा कृष्ण को
अपना आराध्य देव मानती है | इन दोनों पदों में वह
कृष्ण को आधार मानकर प्रार्थना करती है | प्रथम पद में भोर के
समय यशोदा माँ के द्वारा श्री कृष्ण को जगाने
का प्रयास किया जा रहा है | सारे गोकुलवासी जाग गए है परंतु कृष्ण
अभी तक सो रहे हैं वह उन्हें विभिन्न प्रकार से जगाने का प्रयास करती है | वह बहुत से उदारण देती है | द्वितीय पद में मीरा सावन
के महीने में प्रसन्न है | क्योंकि इस ऋतु में उन्हे कृष्ण के
आने का समाचार प्राप्त हुआ है |
“शब्दार्थ” : page - 4
किंवारे
- किवाड़
रजनी - रात
भोर - प्रात:
सुर - देवता
नर - मनुष्य
कंगना
- चूड़ियाँ
कुलाहल - शोर
सबद
- शब्द
गउवन
- गौओं की
कविता से Page – 5
प्र1.
उ. यहाँ यशोदा कृष्ण को जगाने का प्रयास करती है और कहती
है – रात बीत गई है | हर घर के दरवाजे पर देव और मानव
खड़े हैं | सभी ग्वाल-बाल जया-जयकार कर रहे हैं | माखन और रोटी हाथ में लेकर खड़े हैं | गोपियों के हाथ
के कंगन बज रहे हैं | तुम जल्दी उठ जाओ |
प्र2.
उ. आशय : गायों के रखवाले सभी ग्वाल-बाल हाथ में माखन और रोटी लिए हुए हैं |
उ. आशय : गायों के रखवाले सभी ग्वाल-बाल हाथ में माखन और रोटी लिए हुए हैं |
प्र3.
उ. ब्रज में भोर होते ही घर-घर के दरवाजे खुल जाते हैं, गोपियाँ दही मथने की क्रिया में मग्न है | उनकी चूड़ियों की मधुर झंकार
वातावरण गूँजने लगती है | सभी ग्वाल –बाल गौओं को चराने के लिए
जा रहे हैं |
प्र4.
उ. क्योंकि सावन
की आते ही उसे श्री कृष्ण आने की खबर मिलती है |
नन्ही -नन्ही बूंदों के बरसने से उन्हें शीतलता महसूस
होती है |
प्र5.
उ.*सावन में बिजली चमकती है , बादल गरजते हैं , मनुष्य पशु –पक्षी सभी प्रसन्न होते
हैं |
* नन्ही -नन्ही बूंदों के बरसने से हमें शीतलता महसूस
होती है |
* गर्मी कम हो जाती है
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